सफलता के सोपान

प्रबंधन समिति के निर्देशानुसार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यालय में संचालित नि:शुल्क विशेष कक्षाओं के परिणामस्वरुप व्यावसायिक परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर कुल 933छात्र/छात्राओं मे से 178 छात्र/छात्राएँ आई.टी.आई. पालिॅटेक्निक बी.र्इ., बी.टेक. उत्तीर्ण कर प्रतिष्ठित व्यावसायिक संस्थानों में सम्मानित पदों पर पदस्थ हैं तथा शेष अध्ययनरत हैं।


लैपटाप योजना - मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2023 कक्षा 12वीं में 80% से अधिक अंक अर्जित करने वाले छात्र/छात्राओं को 25000रुपये लैपटाप योजनांर्तगत 35 छात्र/छात्राओं को प्रदान किया गया ।



नगेंद्र सिंह

म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा नगेंद्र सिंह कक्षा 10 वी वर्ष 2009 जिला मेरिट मे द्वितीय स्थान हासिल करने पर रु 6000/- नकद पुरस्कार प्राप्त।




कक्षा 12 वी मे 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अर्जित करने वाले 37 छात्र / छात्राओ को म.प्र. शासन द्वारा 25000/- लैपटाप हेतु पुरस्कार के रूप प्रदत्त ।



स्काउट एवं गाइड राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त छात्र।



रीना श्रीवास

National Rifle Suiting

जबलपुर एवं टी एस सी कैंप दिल्ली मे प्रतिनिधित्व




जूनियर डिविजन के 110 कड़ेट्स मे से 58 कड़ेट्स उत्तीर्ण ए प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ।




दिनांक 14.09.2019 को मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय Inspire Award कार्यक्रम मे प्रतिभागी छात्र विपिन सिंह कक्षा 11वी एवं रत्नेश कुमार रजक कक्षा 12वी ने भाग लिया । चयनित छात्र विपिन सिंह ने भोपाल मे आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे प्रतिनिधित्व किया।



कर्ण प्रताप सिंह

मध्यप्रदेश शासन खाद्य मंत्रालय द्वारा आयजित प्रतियोगिता मार्च 2018 में संस्थागत छात्र कर्ण प्रताप सिंह पिता रवि प्रताप सिंह राज्य में द्वतीय स्थान प्राप्त कर खाद्य मंत्री द्वारा 4000/रूपये से पुरस्कृत ।



सत्यनारायण तिवारी
इंजीनियर (सिविल)

“होनहार विधार्थी के लिए कुछ भी असंभव नही, यह कहानी है श्री सत्यनारायण तिवारी की जिन्होने सन 2006 में अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जेपीनगर रीवा से पूर्ण की। ये गरीब परिवार से हैं, जिनका जन्म 1 जनवरी 1988 में हुआ। ये अपने पिता श्री रामायण प्रसाद तिवारी को खो चुके थें जो एक निजी चौकीदार थे। जल्द ही इन्हे आर्थिक समस्यायों ने घेर लिया था, लेकिन इनके दृढ संकल्प एवं सकारात्मक सोच के कारण ये समस्याए दूर हो गर्इ। इन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा तथा विकासशील विचारों के साथ- जीवन के उददेश्यों को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। ये एक छोटे से गाव तिवनी, पो.आ. चोरमारी में रहते हैं।

इन समस्याओं के बाबजूद ये कभी रुके नहीं, और जे.आर्इ.इ.टी. गुना से डी. सिविल की परीक्षा उत्तीर्ण की। अंततोगत्वा इन्होने अपने उददेश्यों को प्राप्त किया तथा इस समय कल्पतरू सीमेन्ट प्लांट में कार्यरत है। निश्चित ही यह कहानी कैसे किसी भी व्यकित को ईश्वर व बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ स्वनिर्मित कार्य पर विश्वास करने प्रेरणा देती है।



गायत्री गौतम
टेलीफोन इंजीनियर (दूरसंचार यंत्री)

यह संघर्षशील कहानी है, सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विधालय, जेपीनगर रीवा (मप्र) की होनहार छात्रा सुश्री गायत्री गौतम जो कभी भी अपनी परिसिथतियों से परेशान नही हुर्इ। जैसा किसी ने कहा है - यदि आप जीवन में सफलता की कामना करते हैं तो सतत प्रयत्न को अपना विश्वासपात्र मित्र, अनुभव को बुद्धिमान सलाहकार, विवेक को अपना बड़ा भार्इ और उम्मीद को अपना बुद्धिमान अभिभावक बनाइए। इनका जन्म ग्राम नौवस्ता, जिला - रीवा, 4 अगस्त सन 1989 को हुआ । इनके पिता श्री रामबली गौतम जूनियर ट्रेडसमैन के पद पर टेलीफोन इक्सचेंज जे.आर.पी में कार्यरत है। इस होनहार छात्रा ने अपने शैक्षणिक जीवन के प्रारम्भिक दौर से ही अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया। इन्होने सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विधालय, जेपीनगर रीवा से सन 2006 में कक्षा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की । इसके बाद BITS सतना से बी र्इ (इलेक्ट्रानिक्स) पूर्ण किया। अपने विद्यालयीन जीवन में वे हमेशा सहगामी क्रियाकलापों में भी भाग लेती रही। वर्तमान में ये ग्लोबल साइंटिफिक साल्यूशन, दिल्ली में टेलीफोन इन्जीनियर के पद पर कार्यरत।



सुरेश सिंह
सैनिक (भारतीय थल सेना)

जब भाग्य की देवी हमारे आस-पास आती है, हमें दोनों हाथ से उन्हे जकड़ कर रखना चाहिए। यह बात स.प.उ.मा.वि. जेपीनगर रीवा के भूतपूर्व छात्र श्री सुरेश सिंह के लिए साबित होती है। ये एक गरीब परिवार से सम्बनिधत है, जो ग्राम तिवनी, जिला रीवा में निवास करते है। ये बचपन से ही परिश्रमी थे, इन्होने स.प.उ.मा.वि. जेपी नगर रीवा (म.प्र.) से सन 2007 में कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। जैसा कि इनके पिता श्री काशी सिंह कठोर परिश्रमी थे। जो ग्राम -तिवनी में ही किसानी करते थे। वे अपने पिता के पदचिन्हों पर चले, और निर्णय लिया कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेगें। इसलिए लक्ष्य को पाने के लिए उन्होने कठिन परिश्रम करना शुरु कर दिया। इसी के परिणाम स्वरुप सन 2008 में आपका चयन हुआ।



वेदप्रकाश मिश्रा
वेदप्रकाश मिश्रा- प्रोजेक्ट मैनेजर

यह अविश्वसनीय कहानी है श्री वेदप्रकाश मिश्रा की जिनका जन्म 26 अगस्त सन 1988 को ग्राम कचूर, जिला रीवा (म.प्र.) में हुआ। इनके पिता श्री शिवदयाल मिश्रा है, जो एक किसान हैं। इन्होने सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विधालय जेपीनगर रीवा (म.प्र.) से सन 2005 में उच्चतर माध्यमिक परीक्षा 88 प्रतिशत अंक अर्जित कर अपनी प्रतिभा से सभी को परिचित कराया। एक व्यकित सफल होता है, यदि वह सुबह जागता है, रात में सोता है, और जागने और सोने के बीच में वह अपने उददेश्यों को पूरा करने का सफल प्रयास करता है। ये बीर्इ (कम्प्यूटर साइंस) एन.आर.आर्इ. कालेज भोपाल (म.प्र.) से उत्तीर्ण करने के पश्चात आर.टी.आउटसोर्सिंग सर्विसेस लिमिटेड में टेलीकम्यूनिकेशन के पद पर कार्य किये। वर्तमान में स्पेस टेलीकम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।



जीतेन्द्र सिंह
सैनिक (विशेष सुरक्षा)

श्रेष्ठ सफलता का सही मार्ग किसी भी कीमत पर उस कीमत पर आपको उस कीमत का मालिक बनाता है। यह सच्ची कहानी स. प. उ. मा.वि. जेपीनगर, रीवा (म.प्र.) के छात्र श्री जीतेन्द्र सिंह की है। इनका जन्म 1 मार्च सन 1988 में ग्राम नौवस्ता जिला रीवा (म.प्र.) में हुआ। ये स. प. उ. मा.वि. जेपी नगर, रीवा (म.प्र.) से सन 2006 में कक्षा 12 वीं परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इनके पिता श्री कमलेश सिंह जेपी सीमेन्ट में ड्राइवर है। आर्थिक समस्याओं के बावजूद भी इन्होने अपनी योग्यता साबित की, और विशेष सुरक्षा बल के लिए चुन लिए गए। इस समय ये अनूपपुर (म.प्र.) में पदस्थ है।



रोहित अग्रवाल
इंजीनियर (यंत्री)

यह कहानी सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विधालय जेपी नगर रीवा (म.प्र.) के होनहार छात्र की है। जिनका जन्म 26 अगस्त सन 1990 में ग्राम छिजवार जिला रीवा में हुआ। इनके पिता श्री राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल है, जो जेपी सीमेन्ट रीवा में कार्यरत है। रोहित अग्रवाल बहुत ही परिश्रमी छात्र है, जिन्होने कक्षा 12वीं की परीक्षा स.प.उ.मा.वि. जेपी नगर, रीवा से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की जिसमें इन्होने 85% अंक अर्जित किए। इसके बाद इन्होने जे.आर्इ.र्इ.टी.(गुना) से बी.र्इ.(इलेक्ट्रानिक्स) की डिग्री प्राप्त की। यह डिग्री स.प.उ.मा.वि. जेपी नगर, रीवा की कक्षा 12वीं में प्रथम तीन अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जाने वाले योजना के तहत नि:शुल्क दी जाती है। वे इस समय जेपी फर्टीलाइजर संयंत्र कानपुर (उत्तर प्रदेश) में इन्जीनियर के पद पर कार्यरत है।



अरुण कुमार शुक्ला
स्टैण्डर्ड चार्टर्ड

अरुण कुमार शुक्ला परिश्रम के पर्याय है। यह कहा जाता है- केवल वे ही लोग कभी असफल नहीं होते जो कभी डगमगाते नहीं। इनका जन्म 4 जुलार्इ सन 1984 ग्राम जोन्ही पोस्ट भोलगढ़ जिला रीवा में हुआ था। इनकी विद्यालयीन शिक्षा वर्ष 2003 में स.प.उ.मा.वि. जेपी नगर, रीवा से 59% अंको के साथ पूर्ण हुर्इ। इनके पिता श्री बसंत प्रसाद शुक्ला एक गरीब किसान है। अपनी गरीबी के बावजूद अरुण कुमार शुक्ला अपने उज्जवल भाविष्य की ओर अग्रसर रहे। इन्होने बी. र्इ.(मैकेनिकल) की उपाधि 71.59% के साथ 2009 में एम. आर्इ.ए.(मानव संशाधन) अच्छे अंको से उत्तीर्ण किया। इन्होने कुछ महीने तक कर्इ प्रशिक्षण अकादमी में प्राध्यापक के पद पर कार्य किया। इसके बाद अचीवर्स में प्रबन्धक टी.एवं डी. के पद पर कार्य किया।वर्तमान में वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में सर्विस मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।



मनीषा सिंह
पुलिस सब इंसपेक्टर (उप निरीक्षक)

मनीषा सिंह सफलता का दूसरा नाम हैं। वे एकाग्रता पर विश्वास करती थी। इनका जन्म 9 जनवरी सन 1987 में ग्राम-मध्येपुर जिला रीवा (म.प्र.) में हुआ। इनके पिता श्री मणिराज सिंह है। वे एच.र्इ.डब्लू डिस्पैच मेट के पद पर कार्यरत है। बचपन से ही मनीषा सिंह अपने कार्य में ध्यान देती थी क्योंकि वे इस बात को जानती है बेहतर एकाग्रता से अध्ययन को आसान बनाया जाता है, समझ बढ़ायी जाती है, और याददाश्त मजबूत की जाती है। इस प्रकार वे पूजनीय श्री जयप्रकाश गौड़ के पद चिहनों पर चल पड़ी। उन्होने 2005 में कक्षा 12 वी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद शासकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय रीवा से बी.ए. की। वे उपनिरीक्षक के प्रशिक्षण के लिए जवाहर लाल नेहरु पुलिस अकादमी सागर (म.प्र.) के लिए चुनी गर्इ।



रविराज सिंह
फायर सेफ्टी इंजीनियर

गरीबी आवश्यकता और दूसरी अन्य तरह की कठिनाइयाँ होनहार व्यकित के सामने खडी नही हो सकती, इसका जीवित उदाहरण रविराज सिंह है। जिन्होने अपनी प्रतिभा को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। ये स.प.उ.मा.वि. जेपीनगर, रीवा के होनहार छात्र है, जो सफलता के केन्द्र के रुप में जाने जाते है। श्री रविराज सिंह का जन्म 2 जुलार्इ सन 1992 में एक साधारण परिवार में हुआ। इनके पिता जेपी समूह के चालक के पद पर कार्यरत है। जैसा कि हम जानते है श्री रविराज सिंह एक प्रतिभाशाली व्यकित है वे हमेशा चाहते थे कि वे कुछ ऐसी ही प्रतिभा को उजागर करें, इसलिए इन्होने नागपुर से फायर सेफ्टी इन्जीनियर में डिप्लोमा प्राप्त किया। वर्तमान में वे नर्इ दिल्ली में अन्सल ए.प.आर्इ. में सेफ्टी इन्जीनियर के पद पर कार्यरत हैं।



मनीष तिवारी
इंजीनियर

''यदि आप जीवन में सफलता की कामना करते है, तो सतत प्रयत्न को अपना विश्वास-पात्र मित्र, अनुभव को बुद्धिमान सलाहकार, विवेक को अपना बडा भार्इ, और उम्मीद को अपना बुद्धिमान अभिभावक बनाइए।''

श्री मनीष तिवारी स.प.उ.मा.वि. जेपी नगर, रीवा छात्र थे। इनका जन्म ग्राम-तिवनी, जिला सतना (म.प्र.) में 8 मर्इ सन 1990 को हुआ। इनके पिता श्री सुशील प्रसाद तिवारी एक गरीब किसान है, वे बहुत अच्छे ढ़ंग से परिवार का पालन पोषण करने की कोशिश करते थे। वे हमेशा अपने पुत्र को विशेष लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करते थे। श्री मनीष तिवारी ने सन 2007 में कक्षा 12 वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में 84% अंको के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद बी.र्इ. जेर्इआर्इटी (गुना) से उत्तीर्ण किया। यह डिग्री सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेपीनगर, रीवा की कक्षा 12वीं प्रथम तीन अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विधार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जाने वाली योजना के तहत नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। इस समय कानपुर (उत्तर प्रदेश) में जेपी फर्टिलाइजर संयंत्र में इन्जीनियर के पद पर कार्यरत हैं।



रविराज सिंह
फायर सेफ्टी इंजीनियर

गरीबी आवश्यकता और दूसरी अन्य तरह की कठिनाइयाँ होनहार व्यकित के सामने खडी नही हो सकती, इसका जीवित उदाहरण रविराज सिंह है। जिन्होने अपनी प्रतिभा को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। ये स.प.उ.मा.वि. जेपीनगर, रीवा के होनहार छात्र है, जो सफलता के केन्द्र के रुप में जाने जाते है। श्री रविराज सिंह का जन्म 2 जुलार्इ सन 1992 में एक साधारण परिवार में हुआ। इनके पिता जेपी समूह के चालक के पद पर कार्यरत है। जैसा कि हम जानते है श्री रविराज सिंह एक प्रतिभाशाली व्यकित है वे हमेशा चाहते थे कि वे कुछ ऐसी ही प्रतिभा को उजागर करें, इसलिए इन्होने नागपुर से फायर सेफ्टी इन्जीनियर में डिप्लोमा प्राप्त किया। वर्तमान में वे नर्इ दिल्ली में अन्सल ए.प.आर्इ. में सेफ्टी इन्जीनियर के पद पर कार्यरत हैं।



अनिल पाण्डेय-भू-वैज्ञानिक
(जियोलोजिस्ट)

आपके लिए आत्मविश्वास सफलता की एक कुंजी है। इसके बिना कुछ भी कर पाने में असमर्थ हैं। शायद इन्हीं शब्दों के प्रत्येक शब्द को सचकर दिखाया है, श्री अनिल पाण्डेय ने, जिन्होने कठिन परिश्रम किया और जो सपने उन्होने बुने थे, उन्हें हासिल किया।

इनका जन्म 15 फरवरी सन 1986 ग्राम भोलगढ़, जिला रीवा में हुआ (इनके पिता श्री रामसुरेश पाण्डेय एक किसान है, जिन्होने कठिन परिश्रम से अपने परिवार का पालन -पोषण किया। श्री अनिल पाण्डेय सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विधालय जेपीनगर, रीवा के छात्र थे, जिन्होने विज्ञान समूह से उच्चतर माध्यमिक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा, माडल विज्ञान महाविद्यालय रीवा से पूरी की, तथा अब अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय के पी.एच.डी. के छात्र हैं। वर्तमान में वे जम्मू (रामवन) में जियोलाजी टेक्निकल एवं कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में भू - वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं।



संदीप मिश्रा
सिस्टम इन्जीनियर

“लडकर हार जाना बेहतर है, कभी भी न लडने से”

यह बात श्री संदीप मिश्रा के लिए अक्षरश: चरितार्थ होती है, वे सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेपीनगर, रीवा के भूतपूर्व छात्र हैं। इनका जन्म ग्राम अगडाल, जिला रीवा (म.प्र.) 27 दिसम्बर 1986 को हुआ। इनके पिता श्री शंकरलाल मिश्रा, जो जूनियर पेंटर के रुप में जे.आर.सी रीवा में कार्यरत हैं, इनके परिवार ने अत्यधिक गरीबी का सामना किया, तथा सीमित आय में अपने परिवार का पालन- पोषण किया। श्री संदीप मिश्रा ने सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेपीनगर, रीवा से सन 2004 में कक्षा 12वीं द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की, इन्होने बी.टेक. ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट से कम्प्यूटर साइंस में सन 2009 में पूर्ण किया। वर्तमान में वे बानकबोरी (भुज) गुजरात में सिस्टम इन्जीनियर के पद पर कार्यरत हैं।